आज कुछ अशार वालिद शिब के लिए जो जनवरी में दुनिया से रुक्सत हो गये ,हमे अपनी यदोऊ का सबव दे गये।
आप वो रिश्ते का दिया हो ,जो दूर होकर भी पथ - पर्थष्ण करता रहेगा ,
आप चाँद भी नही रात भर ठंडक दे चलये जायेगे।
आप तो हर पल कुछ न कुछ हमये यादो से सिखायोगे ,
तुम तो वो याद हो जो हमारे लवो पर सुनाये जायोगे।
कभी हमारे मन और दिल से न जुडा हो पयोगे,
हमये सदा ठीक रास्ता दिखयोगे
हर कदम पर इम्तिहान लेती हैं जिंदगी .हर कदम पर न्य सदमा देती हैं जिंदगी ,
हम जिंदगी सें शिकबा भी केस्ये करे ,अपनी यादो के खली पीएलओ को केस्ये भरे ।
रेखा ...... १५अप्रिल २०१० समय १०:३०प्म मेल ईद.... @जीमेल.com
गुरुवार, 15 अप्रैल 2010
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
its shows the love of relatios and respect....
जवाब देंहटाएंsome words misprint good poem...ymohan
love 4 father..good dedication.
जवाब देंहटाएं