रविवार, 14 अप्रैल 2024

Navraatre 2024

 

माँ के नवरात्रि गीत --

गणेश बंधन --

A

माँ गौरा के प्यारे दुलारे गजानन |

शिवजी की आँखों के तारे गजानन ||

*

छवि अति लोनी लगे है सलोनी |

नभ के झिल मिल तारे गजानन ||

*

कोटि सूर्य की चमक से बढकर |

दमक रहे हैं चमकारे गजानन ||

*

अष्ट सिद्धि नव निधि जो देते |

ऐसे हैं दानी सबके सहारे गजानन ||

*

सब देवों से हैं ऊपर जगत में |

पूजित प्रथम हमारे गजानन ||

  माँ की बंदना में शब्द -

2

माँ के श्री चरणों में समर्पित एक मुक्तक..

नव  वर्ष तुम्हारा अभिनंदन  गाई है

बढ़पन  से  माता  धरती  पर आई है|

दिल के आँगन में गूँजी शहनाई है,

जैसे झरता गुलाब महक गिराई है|

B माँ के श्री चरणों में समर्पित एक मुक्तक..

ममता की गागर जैसी हो

क्षमा दया, नागर जैसी हो

नमन तुम्हें शत बार करूँ माँ

करुणा के सागर जैसी हो.

C

सत्यमयी तू है, ज्ञानमयी तू है।

प्रेममयी भी तू है, हम बच्चो को वर दे॥

सरस्वती भी तू है, महालक्ष्मी तू है।

महाकाली भी तू है, हम भक्तो को वर दे॥

D श्रद्धा सहित स्वागत करें, माता आईं द्वार।

मुख कमल बाल रूप का, नैना रहें निहार।।

शारदीय बयार चली, आया नवरात्रि पर्व ।

शैलपुत्री प्रथम हैं, यह करें दया धर्म।।

शिव संग प्यारी उमा,सवारी वृषभ की ।

शारदा भवानी यहीं, सौम्य मूर्ति नभ की।।

शक्ति प्रतीक नाम की, नित एक माला जाप।

छंट जाती नीरवता, नष्ट हो सकल पाप।।Esha and happiness


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